एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 1 )
"उठना जा लाडो कितना सोएगी बच्चे" राधिका जी कमरे का पर्दा हटाते हुए बोली लेकिन उनकी लडली लाडो पर कोई असर नही हुआ वो फिर चादर तान कर सो गई ।
राधिका जी ने फिर एक बार कोशिश करते हुए कहां - "आज तुझे आपनी दोस्त कम गर्लफ्रेंड ज्यादा सखी की शादी के लिए भी जाना है! वरना तो वो शादी ही नहीं करेंगी! सुबह से दस बार फोन आ चुका है मिसेज रघुवंशी का! आज शाम को निकलना है कल सगाई है ! पर तुझे तो अपनी ग्रलफ्रेंड की फ्रीक ही नहीं है! चल उठ और रेडी हो जा...फिर हमें गिफ्ट भी लेना है अगर मैं अपनी पसंद से ले आउंगी तो तू मुंह फूला लेगी "
इतना सुनते ही अनीशा बेड से उठी और कूदते हुए अपनी मां के गले लग गई उसने राधिका जी को गुड मॉर्निंग कहा और उनसे अलग हो के बेड पर बैठ गई । ( अनिशा दिखने में बहुत सी सुंदर थी....नाईट सुट मे अस्त वयस्त बाल जो कि कमर तक आ रहे थे बडी बड़ी ग्रे आंखे जो देखे बस देखता रह जाए होटो के नीचे बहुत छोटा सा तिल और फैस पर बहुत प्यारी सी स्माइल)
अनु अपनी बालों को समेटते हुए बोली - '' मां आपने मुझे पहले क्यों नही बताया कि हम आज जयपुर के लिए निकल रहे है.... मुझे रिशु के लिए कितने सारे गिफ्ट लेने है '' इतना कह कर वो तूफान की तरफ बाथरूम मे भाग गई
"पागल लड़की" राधिका जी मुस्कुराते हुए बोली और अनु के कपड़े निकाल कर कमरे से बाहर चली गई
जब अनु नहा कर बाहर आई तो उसने बालो को तोलिए मे लपेट रखता था । उसने अपने बालों को तौलिए की गिरफ्त से आजाद किया । उसके काले लंबे बाल इसकी कमर तक आ रहे थे जिनमें से अभी भी पानी टपक रहा था उसने हेयर ड्रायर से अपने बालों को सुखाया! आखो मे पतला सा काजल और होंटों पर हल्की सी लिपस्टिक लगा ली । उसे मेंकअप करना पसंद नहीं और उसे जरूरत भी नहीं वो बिना मैकअप के ही इतनी अट्रैटिव लगती थी ।
रेडी हो के वो बाहर आई और डाइनिंग एरिया की तरफ चल दी जहां एक लडकी और लडका बैठे थे लडकी लडके को नाश्ता दे रही थी (वो दोनो लडका लडकी अनीशा के भाई भाभी थे आयुष और सांची)
अनु ने आपनी भाभी को गले लगते हुए '' गुड मोनिंग '' कहा और आयुष की तरफ मुडी और उसे भी '' गुड मॉर्निंग '' विश किया
'' गुड मॉर्निंग छोटी '' आयुष ने बहुत धीरे से बीचारो की तरह कहाँ
अनु ने उसके आंसर को सुना और फिर सांची के कान में धीरे से कहा - '' क्या हुआ भाभी आज ये लुटे हुए राज्य के राजा की तरह क्यो लग रहे है जैसे किसी ने इन से इनकी जमीन छीन ली हो ''
यह बात सुनकर साची को हंसी आ गई और उसने धीरे से कहा - '' हाँ वहीं समझ लो आज सुबह पापा ने इनका क्रेडिट कार्ड मुझे शॉपिंग के लिए दे दिया इसलिए उनका मुंह ऐसे लटका हुआ है और इन्हें डर है कि आज इनके पैसे बचेंगे या नही हम दोनो से 'ये बात सुनकर अनु को भी हंसी आ गई और दोनो हंसने लगी और बिचारा आयुष चुप चाप बैठा रहा
नाश्ते के बाद अनु और सांची शोपिंग के लिए निकाल गई क्योंकि उसके बाद उन्हे जयपुर के लिए निकलना था और शोपिंग में भी टाइम लगता है भई (😂😂और आप लोगों को तो पता ही होगा लडकियां शोपिंग करते टाइम सब बुल जाती है 😂😂)
तीन चार घंटे की मेहनत और बेचारे आयुष का आधा खाता खाली करने के बाद दोनो मॉल से बाहर आई तभी कोई लडका अनु से टकरा गया वो बहुत जल्दी में लग रहा था उसने जल्दी से अपना सम्मान उठाया और सॉरी बोल कर बिना देखे और जवाब सूने ही चला गया ।
अनु अपने में ही बडबड़ाई - "बडा अजीब था बिना सुने देखे सॉरी बोला और बुलेट ट्रेन की तरह निकल गया '' वो खुद से बोलते हुए आगे बढ़ी ही थी कि उसके पैर के नीचे कुछ आ गया उसने देखा तो एक कैप थी जो शायद उस लडके की थी जो टकराने से गिर गई भी अनु ने उसे उठाया और आसपास उस लड़के को ढूंढने लगी पर लड़का उसे कहीं नहीं दिखा उसने उस केप को अपने पोलिथिन में रख लिया और बाहर आ गई जहां सांची उसका गाडी में इंतजार कर रही थी
वो जल्दी से आई और कार में बैठ गई और दोनो घर आ गई । घर आकर दोनो ने सबको सब का सामान दिया और आपने अपने कमरे में रेडी होने चली गई । तब तक आयुष ने आपनी पर्सनल फैमिली बस बुलवा ली जिसमें सब जयपुर के लिए जाने वाले थे ।
[अब थोड़ा सा अनीशा के फैमिली मैम्बर के बारे में जान ले तो अनु की फैमिली मे उसके पापा वीरेन सैठिया जो दिल्ली के जाने माने टैक्सटाइल डिजाइनर है अनु की मम्मी राधिका विरेन सैठिया अनु के बड़े भाई आयुष और भाभी सांची दोनो ही फैशन डिजाइनर है दोनो ही एक कॉलेज मे थे और इनकी शादी लव पलस अरेंज है इसके अलावा अनु की बुआ की बेटी है काव्या जो अनु के घर में ही रहती है क्यों की उसके मम्मा पापा की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी तो वो आपने मामा जी के साथ ही रहती थी और अनू घर मे सबसे ज्यादा काव्या से ही अटेज थी क्योंकि दोनो हमउम्र ही था वो सिर्फ २ साल ही छोटी थी अनु से]
बस आ गई थी आयुष ने सारे बैंग अंदर रख दिया अनु और काव्या सबसे पहले आई और पीछे की सबसे बड़ी वाली सीट पर कब्जा कर लिया उसके बाद अनु के मम्मी पापा सांची आयुष और अनु की एक दोस्त मीशा जो अनु के साथ ही आहाना की शादी में जा रही थी (मीशा अनु और आहाना तीनो ही बचपन की बेस्ट फैंड है।)
सबके बैठने के बाद आयुष ने ड्राइवर को चलने को कहा और निकल पड़ी सवारी जयपुर के लिए
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पढ़ के अपनी अनमोल समीक्षा जरूर दे...😊
✍️सुधा यादव©®
वैभव
28-Jan-2022 02:30 PM
Kafi achchi shuruat ki h aapne kahani ki
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Sandhya Prakash
25-Jan-2022 07:59 PM
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
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Inayat
15-Jan-2022 04:41 PM
Nicely
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